Kiren Rijiju will speak to all parties for impeachment motion against HC judge Yashwant Varma Govt sources

कैश कांड को लेकर जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ अगले संसद सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा. वहीं, अब इसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का बयान सामने आया है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, रिजिजू ने कहा है कि वह हाईकोर्ट जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए सभी दलों से बात करेंगे. जस्टिस वर्मा के घर से करोड़ों रुपये बरामद हुए थे.

दरअसल, जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है. केंद्र सरकार इसके लिए विपक्षी दलों को साधने में लगी है. केंद्र सरकार को पूरा भरोसा है कि दोनों सदनों में उसे दो तिहाई बहुमत प्राप्त हो जाएगा. जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में महाभियोग चलाकर हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए होगा.

क्या है महाभियोग लाने की प्रक्रिया?

भारत में महाभियोग की प्रक्रिया मुख्य रूप से राष्ट्रपति और उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए लागू होती है. इसे संविधान के उल्लंघन के आधार पर शुरू किया जा सकता है. महाभियोग प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में पेश किया जा सकता है. प्रस्ताव को उस सदन में दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होता है, जिसमें इसे पेश किया गया है.

इसके बाद प्रस्ताव को दूसरे सदन में भेजा जाता है. प्रस्ताव पेश करने से पहले 14 दिन का नोटिस देना अनिवार्य होता है. महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में कम से कम 100 सदस्यों या राज्यसभा में कम से कम 50 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए. प्रस्ताव को संसद के पीठासीन अधिकारी (लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा सभापति) के पास भेजा जाता है. पीठासीन अधिकारी एक तीन सदस्यीय समिति का गठन करते हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के जज भी शामिल होते हैं.

समिति आरोपों की जांच करती है और अपनी रिपोर्ट सौंपती है. समिति अगर आरोपों को सही पाती है, तो प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है. प्रत्येक सदन में प्रस्ताव को दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होता है. दोनों सदनों द्वारा पारित होने पर प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास जाता है और उनकी मंजूरी के बाद न्यायाधीश को हटा दिया जाता है.

जस्टिस वर्मा के घर मिले थे करोड़ों रुपये

दरअसल, 14 मार्च को होली की रात करीब 11.35 बजे जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी. वह दिल्ली से बाहर थे. उनके परिवार वालों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को फोन लगाया. आग बुझाने बड़ी संख्या में पुलिस बल आई. इस दौरान वहां कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नोटों की गड्डी मिली थी. बताया जाता है कि एक पूरा कमरा नोटों से भरा मिला था.

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